आग (FIRE)
आग वास्तव में एक प्रकार की तीव्र रासायनिक प्रतिक्रिया है जिसमे कोई भी ज्वलनशील पदार्थ चाहे वह ठोस द्रव गेस हो उसे कही से इतना तापमान मिल जाये जो ज्वलांक बिंदु तक पहुंच जाये | वायोमंडल में ऑक्सीजन की उपस्थिति में धुआं, ताप, प्रकास से कभी विस्फोट उत्पन्न होते हैं
FIRE
                                                                                                                
F – FIND खोज                                                                    I – INFORMATION   सुचना देना
R – RESTRICT       रोकना
E – EXTINGUSH     बुझाना
आग के लिए मुख्य आवश्कताएं
(Necessities of fire)
1.       ईंधन         जलने योग्य पदार्थ (फ्यूल)
2.       ताप          ईंधन को जलने की स्थिति (गैस रूप) में लाने के लिए उचित तापक्रम |
3.       ऑक्सीजन     ईंधन को निरन्तर जलता रखने के लिए दहन सहायक गैस |
“ट्रायंगल ऑफ़ फायर”
(Triangle of fire)
triangle का अर्थ हैं “त्रिभुज” | इस प्रकार “triangle of fire” का शाब्दिक अर्थ हुआ आग का त्रिभुज | त्रिभुज में तीन भुजाए होती हैं | आग के लिए भी तीन आवश्यकताओं को तीन भुजाओं के रूप में मानकर आग का त्रिभुज कहा जाता है | यदि आग की तीन आवश्यकताओं में से एक भी कम होगी तो आग नहीं बन सकती और triangle of fire भी नहीं कहला सकता है | अग्निशमन में इस triangle को तोड़ने के लिए किन्हीं एक या दो आवश्यकताओं या भुजाओं को हटा देते हैं |
ज्वलनांक (Flash point)
फ्लेश प्वाइंट या ज्वलनांक वह कम से कम तापक्रम हैं जिस पर कोई  वस्तु पर्याप्त जलने वाली वाष्प (वैपर) छोड़े, जो एक छोटी सी लौ से क्षण भर के लिए कोंध जायेगा | तापमान के 21% तक पहूंचने पर आग लग जाती है और 16% तक आने पर आग बुझ जाती है |
आग बुझाने के तीन सिद्धान्त (Three principles to entinguish fire) 
1.       ईंधन को हटाकर आग बुझाना (Starvation method)
2.       ऑक्सीजन बन्द करके आग बुझाना (Smutheiring method)
3.       ठण्डा कर आग बुझाना (cooling method)
4.       पीट­-पीट कर आग बुझाना (Beating method)
1. Starvation method
अंग्रेजी में starvation का अर्थ होता है ‘भुखमरी’ भूखों मरना | आग के लिए आवाश्येक ईंधन, ताप, और  ऑक्सीजन में ईंधन आग की खुराक हैं | यदि उसे अगर कर दिया जाये तो आग एक प्रकार से भूखों ही मर जाएगी अथवा बुझ जाएगी |
उदाहरण : एक हवाई जहाज के ईंधन में आग लग रही है तो हम हवाई जहाज के पेट्रोल टेंक का ईंधन तक का कनेक्शन पाईप लाइन को बंद कर देंगे
1.       जलने योग्य वस्तुओं को आग के आसपास से हटाकर |
2.       आग को ही जलने योग्य वस्तुओं के पास से हटाकर |
3.       जलने वाली वस्तुओं को अलग – अलग करके छोटे – छोटे भागों में बांटकर | ये छोटे – छोटे भाग या तो स्वयें बुझ जायेंगे या शीघ्र और सुगमता से बुझाये जा सकेंगे |
1. Smuthering  method
अंग्रेजी में smuthering का अर्थ होता है ‘दम घुटना’ | आग के लिए तीन मूल आवस्कताओं, ईंधन ताप और ऑक्सीजन में ऑक्सीजन प्राणवायु का कार्य करती है | यदि उसे अलग कर दिया जाता है या बन्द कर दिया जाये तो आग एक प्रकार से घुट कर मर जाएगी | आग को ऑक्सीजन वायुमण्डल से ही मिलती है | अत हम किसी प्रकार आग के स्थान तक   शुद्द्वायु न पहुंचने दें तो आग के आसपास के सीमित वायु मण्डल में ऑक्सीजन घटती जाएगी और अन्त में ऐसा समय आयेगा की ऑक्सीजन की मात्रा बिल्कुल नहीं रहेगी और आग बुझ जाएगी |
उदाहरण : किसी जलते हुए तेल के डिब्बे के उपर ढक्कन रख कर आग बुझाना |
1.    आग को किसी वस्तु, कम्बल, बालू, मिट्टी, कीचड़ द्वारा ढक कर चारों और से हवा रोक दें | येदी कमरे में आग हैं तो खिड़की, दरवाजे आदि बन्द कर दें |
2.    जलती तरल वस्तु पर फोम (झाग) की परत जमा देने से हवा नहीं पहुंच पाती फलस्वरूप वेफर्स भी नहीं बन पते |
4.   आग पर ड्राईपाउडर फैंक कर हवा को रोक दें |
5.   किसी अक्रिय गैस को आग के चरों और से तेजी से छोड़ने से भी हवा / ऑक्सीजन को दूर किया जा सकता है |
3. Cooling method 
आग की तीन मुल आवश्यकताओं, ईंधन, ताप और ऑक्सीजन में से यदि ताप को किसी प्रकार कम या न्यूनतम कर दिया जाय तो आग बुझ जायेगी | इस सिद्धान्त में आग की गर्मी को हटाने की दर को तेज करना है जिससे जलती हुई वस्तु का तापमान कम हो जाता है | फलस्वरूप गर्मी के पैदा होने की दर, आग से पैदा होने वाली गर्मी दर से बढ़ जाती है और आग बुझ जाती है | आग पर पानी की धार या फुआर के रूप में फेंकना, इसी सादे बुनियादी सिद्दान्त पर आधारित है आग पर पड़ते ही पानी आग की गर्मी को सोख कर स्वयं गर्म हो जाता है और जलने वाली वस्तु का तापक्रम कम हो जाता है अधिक तापक्रम पर पानी भाप में परिवर्तित होकर आग के आसपास ही हवा को बहार धकेल कर आग तक ऑक्सीजन पहुंचने में बाधक होता है और आग शीघ्र बुझ जाती है |
4. Beating method
इसका अर्थ आग को पीट – पीट कर बुझाना है | छोटी मोटी आग, घास, पत्ते, जंगल की झाड़ झंखाड़ की आग को पीट – पीट कर बुझाया जा सकता है | येद्दपि इस उपाय में भी आग बुझाने के तीन कुल सिद्धान्त ही निहित हैं |
आग का वर्गीकरण (Classification of fire)
अग्निशमक में सुविधा के लिए आग को विभिन्न श्रेणियों में बांटा गया है | इसे आग का वर्गीकरण कहते है | ये पांच श्रेणियों में रखा गया है |
1. “ए” श्रेणी की आग (class “A” fire)
यह ठोस प्रदार्थ की आग है साधारण जलने वाली पदार्थो जैस ­­­– लकड़ी, कोयला, कपड़ा, कचरा, आदि की आग |
2. “बी” श्रेणी की आग (class “B” fire)
यह ज्वलनशील तरल पदार्थो की आग है जिसमें पेंट्रोल, तेल, वार्निश, तारकोल, आदि आता है इन पर पानी नहीं डाला जाता है बल्कि आग को ढक कर अथवा ऑक्सीजन बन्द करके बुझाया जाता है |
3. “सी” श्रेणी की आग (class “C” fire)
यह गैस की आग है जिसमें पदार्थ की आग जो की दबावयुक्त हो और सिलेण्डर में हो | इस पर कोई भी प्रभावशाली गैसे अथवा पाउडर विशेष तकनीक से बुझाया जाता है |
4. “डी” श्रेणी की आग (class “D” fire)
यह धातुओं की आग है | यह मैग्नीशियम एल्युमिनियेम, जिंक आदि की आग है जिस पर पानी नहीं डाला जाता है बल्कि विशेष पाउडर डालकर विशेष तकनीक से बुझाया जाता है |
5. “ई” श्रेणी की आग (class “E” fire)

यह बिजली की उपकरण एव यन्त्रों की आग है | इस पर पानी नहीं डाला जाता, बल्कि विशेष पदार्थ जो बिजली के करन्ट से प्रभावित नहीं होते है CO2गैस से बुझाया जाता है |

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